जमीन के पट्टे के बारे में तो आपने कभी न कभी सुना ही होगा. आज हम लोग इस पोस्ट में जानेगें की जमीन का पट्टा क्या होता हैं. यह कितने प्रकार के होते हैं. सरकारी जमीन का पट्टा कैसे बनवा सकते हैं. इस पट्टे वाली जमीन की रजिस्ट्री हो सकती हैं की नहीं.
भूमि पट्टा अधिनियम क्या हैं. किस प्रकार के भूमि का पट्टा प्राप्त कर सकते हैं. किसी जमीन के पट्टा बनाने के लिए क्या मानदंड हैं. इसकी प्रक्रिया विस्तार पूर्वक यहाँ पर दी गई हैं.
जमीन का पट्टा क्या होता हैं?
किसी जमीन का पट्टा एक कानूनी दस्तावेज़ होता हैं. जिसके नाम से पट्टा बनता हैं. वह उस जमीन का उपयोग पट्टे में दिए गए शर्त के अनुसार कर सकता हैं. पट्टा जमीन के स्वामित्व रखने वाले या सरकार द्वारा जारी किया जाता हैं. पट्टे में जमीन को कितने समय के लिए किन शर्तों पर उपयोग कर सकते हैं. इसका पूरा विवरण दिया रहता हैं. जो पट्टा धारक को भविष्य में कानूनी विवाद से बचने में मदद करता हैं. पट्टा पर लिए गए जमीन को किसी निर्धारित समय के लिए किराए पर मान सकते हैं.
भूमि पट्टा अधिनियम
सभी राज्यों में जमीन का पट्टा आवंटित किया जाता हैं. प्रत्येक राज्य का अपना पट्टा अधिनियम और कानूनी मानदंड हैं. उसी के आधार पर पट्टे पर जमीन का आवंटन किया जाता हैं. केंद्र सरकार भी अपनी स्वामित्व वाली जमीन पट्टे पर आवंटित करती हैं.
कृषि पट्टा – इस पट्टे वाली जमीन को कृषि कार्य में उपयोग के लिए दिया जाता हैं. उत्तर प्रदेश के नागरिकों के पास अगर 1.26 हेक्टेयर से कम जमीन हैं. तो वह पट्टे पर जमीन का लाभ प्राप्त कर सकता हैं.
आवास पट्टा – इस पट्टे वाली जमीन को आवास बनाने के लिए आवंटित किया जाता हैं. यदि पट्टे के आवंटन के 3 वर्ष के अन्दर उस जमीन पर आवास नहीं बनता हैं. तो उस जमीन का पट्टे को रद्द भी कर दिया जाता हैं.
जमीन पट्टे के प्रकार
जमीन के पट्टा अनेक प्रकार के होते हैं. जो जमीन के उपयोग, अवधि और स्वामित्व पर निर्भर करता हैं. यहाँ पर कुछ विभिन्न प्रकार के जमीन के पट्टे के बारे में जानकारी दी गई हैं.
Informal or Verbal Lease – यह पट्टा मौखिक तौर पर होता हैं. इसका कोई लिखित प्रमाण नहीं होता हैं. इस लिए कानूनी मान्यता नहीं होता हैं.
Land Grant – इस जमीन के पट्टे को सरकार किसी व्यक्ति या संस्था को किसी विशेष उद्देश्य के लिए देती हैं. जो मुफ्त या रियायती दर पर होता हैं.
Renewable Lease – इस पट्टे को एक निर्धारित समय सीमा के लिए दिया जाता हैं. समय पूरा हो जाने पर फिर से इसे नये सिरे से नवनीकरण किया जाता हैं.
Freehold – इसमें जमीन का स्वामित्व पट्टाधारक के पास होता हैं. पट्टाधारक इस जमीन का मालिक होता हैं. वह अपने अनुसार जमीन का उपयोग कर सकता हैं.
Leasehold – इस पट्टे वाली जमीन का स्वामित्व सरकार या जमीन के मालिक के पास होता हैं. जो किसी को एक निर्धारित समय के लिए किराए पर कुछ शर्तों पर उपयोग के लिए दिया जाता हैं.
किसी जमीन का पट्टा कैसे बनाएँ
- किसी जमीन का पट्टा बनवाने के लिए कुछ प्रक्रियाओं का पालन करना होता हैं. जो निम्नलिखित हैं.
- आपको अपने जरूरत के अनुसार जमीन का आप उपयोग किस कार्य के लिए करेंगें. उसके लिए उससे संबंधित विभाग को अपना आवेदन देना पड़ता हैं.
- आवेदन के साथ सत्यापन के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेज़ सलंग्न करना होता हैं.
- विभाग द्वारा दस्तावेज़ की जाँच करके जमीन का निरीक्षण किया जाता हैं. जाँच में आप विभाग द्वारा बनाए गए सभी मानदंडों को पूरा करते हैं. तो आपको जमीन का पट्टा दे दिया जाता हैं.
- पट्टे बनवाने के लिए आपको विभाग द्वारा तय किये गए शुल्क का भुगतान करना होता हैं. जो पट्टे के प्रकार और समय अवधि पर आधारित होता हैं.
वह जमीन जिसका पट्टा आवंटन किया जाता हैं
- कृषि भूमि
- आवासीय भूमि
- वाणिज्यिक भूमि
- औद्योगिक भूमि
- सरकारी भूमि
- विकास परियोजनाओं
- सामाजिक/संस्थागत भूमि
भूमि के प्रकार
संक्रमयी भूमि (Transferable Land) – इस प्रकार की भूमि को खरीद/बेच किया जा सकता हैं. या किसी दुसरे के नाम पर ट्रांसफर किया जा सकता हैं. इस प्रकार के भूमि मालिक का अधिकार होता हैं की वह अपनी जमीन को किसी दुसरे ने नाम पर क़ानूनी रूप से हस्तांतरित कर सकता हैं.
असंक्रमयी भूमि (Non-transferable Land) – इस तरह की भूमि को किसी विशेष उद्देश्य के लिए आरक्षित किया जाता हैं. इसकी खरीद बेच नहीं हो सकती हैं. इस भूमि पर कुछ क़ानूनी प्रतिबन्ध लगे होते हैं. जो इसे किसी दुसरे के नाम पर हस्तांतरण करने में रोकते हैं.